Sunday, September 28, 2014

ये जीवन के चक्र भी कितने अजीब होते हैं. और इस चक्र की सभी घटनायें पूर्व नियोजित होती हैं. इतिहास हमेशा अपने आप को दोहराता है.... सब कुछ जो हो रहा है वो पहले भी  हो चुका है। ।पर नियति  खेल ऐसा होता है की अधिकांश लोग इस को समझ नही पाते और पहले की हुई गलतियों को दुहराते रहते हैं....
पर अगर हम ध्यान से संयम से अपने हर क्रिया प्रतिक्रिया के पहले सोचे और मंथन करे और उसके पश्चात किसी निर्णय पर पहुंचे तो अधिकतम समस्यायों का निदान सरलता पूर्वक और सही किया जा सकता है… 

Saturday, September 27, 2014

समय हर समयस्या का हल होता तो हमें या किसी को भी कुछ करने की जरुरत नही होती.... हाँ ये सच है की समय हर समस्या का निदान करता है पर  अपने तरीके से.............

इसीलिए अगर आप को अपना मनचाहा निदान चाहिए तो आप को उठना होगा और प्रयास करना होगा ....
और अगर आपका प्रयास पूरी ईमानदारी से की गया  है तो निश्चित ही सफलता आपकी होगी ……


Friday, September 26, 2014

ऐसा नही की  हमको
कोई भी कमी नही..................
लेकिन ये जिंदगी
भी तो कोई जिंदगी नही
पलकों से ख्वाब क्यों गिरे
क्यों चूर हो गए
इतने हुए करीब
कि हम दूर हो गए

आज भी ना आये आंसू
खाली हाथ शाम आई है
खाली हाथ जाएगी....

बहुत पहले से उन कदमो की आहत
जान लेते है………।

तुझे ऐ जिंदगी ......................
हम दूर से पहचान लेते है……

तुम्हारे पायल की रुनझुन की वो आवाज  आज भी जब कानो में पड़ते है तो ऐसा लगता है जैसे किसी मंदिर में पूजा हो रही हो.... तुम्हारी हंसी मुझे दूर कहीं जंगलो में बहते झरने की एहसास कराती है,,,,मन करता है की इस पल में बस इस पल में सारा जीवन सिमट जाये ...................... तुम्हे आलिंगन में भर लेने का दिल चाहता है पर …… ये सोच के रुक जाता हूं की तुम्हे पाने से जयादा तुम्हे पाने की चाहत से प्यार हो गया है…