ये जीवन के चक्र भी कितने अजीब होते हैं. और इस चक्र की सभी घटनायें पूर्व नियोजित होती हैं. इतिहास हमेशा अपने आप को दोहराता है.... सब कुछ जो हो रहा है वो पहले भी हो चुका है। ।पर नियति खेल ऐसा होता है की अधिकांश लोग इस को समझ नही पाते और पहले की हुई गलतियों को दुहराते रहते हैं....
पर अगर हम ध्यान से संयम से अपने हर क्रिया प्रतिक्रिया के पहले सोचे और मंथन करे और उसके पश्चात किसी निर्णय पर पहुंचे तो अधिकतम समस्यायों का निदान सरलता पूर्वक और सही किया जा सकता है…
पर अगर हम ध्यान से संयम से अपने हर क्रिया प्रतिक्रिया के पहले सोचे और मंथन करे और उसके पश्चात किसी निर्णय पर पहुंचे तो अधिकतम समस्यायों का निदान सरलता पूर्वक और सही किया जा सकता है…
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